सोमवार, 19 जुलाई 2010
राम नाम ही उतारता है भव सागर से पार
राम नाम ही उतारता है भव सागर से पार
राम नाम ही चंद्रमा है, राम नाम ही सूर्य है, राम नाम ही अग्नि है और राम नाम ही मनुष्य को इस जीवन रूपी भव सागर से पार उतार सकता है।
कलयुगमें राम नाम ही सुख शांति का मार्ग है और राम नाम ही इस जीवन रूपी सागर से पार उतार सकता है। क्योंकि श्वास कब पूरे हो जाएं यह कोई नहीं जानता। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को सच्चे मन से राम नाम का जाप करना चाहिए। प्राचीन काल में सबरी,गिद्धव अजामिलका राम नाम ने ही उद्धार किया था। वही काग से कोयल बनाने की क्षमता भी राम नाम में ही है। पानी को मथनी से चलाने पर भले ही घी निकल आए, बालू के मशीन में डालने से भले ही तेल प्राप्त हो जाए और कोई भी असंभव कार्य भले ही संभव हो जाए, लेकिन राम नाम के संकीर्तन बिना जीवन रूपी भवसागर से पार नहीं उतरा जा सकता। राम नाम की भक्ति की प्राप्ति सत्संग के बिना और सत्संग की प्राप्ति श्रीराम की कृपा के बिना नहीं हो सकती। प्राचीन काल में ऋषि, मुनियों ने भी राम नाम की महिमा का गुणगान किया है। राम नाम का जाप मनुष्य को सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति दिला सकता है। क्योंकि राम नाम में वो अपार शक्ति है जिसका कोई अनुमान नहीं है।
संकीर्तन करके भगवान को रिझाने की परंपरा इसी काल से शुरू हुई थी, जो कि आज भगवान को प्राप्त करने का सबसे उत्तम रास्ता है। प्यार किया नहीं जाता हो जाता है। प्यार की आसक्ति,भगवान के चरणों में लगाई जाए तो मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर सकता है।
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